यूपी में बनेंगे एकीकृत न्यायालय परिसर, एक छत के नीचे होंगे सारे कोर्ट, पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू होगा काम 2023

यूपी में एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट की भागदौड़ को कम करने के उद्देश्य से और और न्यायिक प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए योगी सरकार (Yogi Adityanath) सभी अदालतों को एक छत के नीचे लाने का निर्णय कर रही है। उत्तर प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री के आदेश पर इंटीग्रेटेड कोर्ट कॉम्प्लेक्स (Integrated Court Complex) के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हाथरस, महोबा, चंदौली, शामली,  हापुड़, औरैया, अमेठी, सोनभद्र, चित्रकूट और संभल समेत 10 जिलों का चयन हुआ है। साथ ही इस अनुपूरक बजट के माध्यम से परियोजना के लिए 400 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल चुकी हैं।

यूपी 10 जिलों में एकीकृत न्यायालय परिसर

अपनी इसी इसी भावना को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार 10 जिलों में एकीकृत न्यायालय परिसरों का निर्माण कराने जा रही है। विधानसभा में अनुपूरक बजट चर्चा में भाग लेते हुए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने इंटीग्रेटेड कोर्ट कंपलेक्स की महत्वपूर्ण योजना का उल्लेख करते हुए समय से न्याय मिलने पर जोर दिया था।

गुजरात के बड़ौदा का किया अध्ययन

बीते दिनों ही उत्तर प्रदेश के एक समूह ने गुजरात के बड़ौदा में इंटीग्रेटेड कोर्स कांपलेक्स के संबंध में अध्ययन किया था।  दरअसल इस शहर में एकीकृत कोर्ट कंपलेक्स का मॉडल सफलतापूर्वक लागू किया गया है अधिकारियों और फरियादियों दोनों को हो रही समस्या

यूपी में मुख्यमंत्री ने एक उच्चस्तरीय बैठक में कॉम्प्लेक्स की कार्ययोजना पर जोर दिया था। उन्होंने कहा था कि अपराधों की अलग-अलग प्रकृति के मुताबिक दौरे के लिए विभिन्न कानूनों से जुड़े हुए अदालतों की संख्या में भी बढ़ोतरी होती जा रही है। राज्य के सभी जिलों में अदालतें विभिन्न जगहों पर काम का संचालित करने के कारण कुछ जगहों पर भवनों को किराए से चलाया जा रहा है।

यूपी में अलग-अलग जगहों में अदालत में मौजूद होने के कारण न्यायिक अधिकारियों और फरियादियों को दिक्कतें उठानी पड़ती है। सुरक्षा इंतजाम और साथ ही प्रशासनिक व्यवस्था में भी काफी दिक्कतें महसूस होती है और इसी को लक्ष्य में रखते हुए अदालतों के लिए एकीकृत कोर्ट भवन अनिवार्य हो चुका है।

एकीकृत भवन में मिलेगी या सुविधाएं

मुख्यमंत्री के साथ ही उच्च न्यायालय ने भी अपने एक आदेश में ऐसे ही यूपी में न्यायालय परिसरों के निर्माण का फरमान जारी किया है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के आदेश पर ही गृह, लोक निर्माण और न्याय विभाग इस परियोजना पर कार्यरत हैं। सबसे बढ़कर बात तो यह है कि जजों के लिए इस एकीकृत भवन में वीडियो कोर्ट, पार्किंग, मीटिंग हॉल, कैंटीन और चैवर जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं भी उपलब्ध होगी।

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